वो यादें अब भी दिमाग़ को सुकून दे जाती हैं, बचपन, तेरी बहुत याद आती है ! वो यादें अब भी दिमाग़ को सुकून दे जाती हैं, बचपन, तेरी बहुत याद आती है !
वो झील हम सबको इतनी भाती थी| पता नहीं कब दोपहर से शाम हो जाती थी| वो झील हम सबको इतनी भाती थी| पता नहीं कब दोपहर से शाम हो जाती थी|
बहुत दूर तक उसकी छांव आज मुझे भी वो खूब याद आ रहा। बहुत दूर तक उसकी छांव आज मुझे भी वो खूब याद आ रहा।
वो बचपन की पहली बारिश याद है मुझे जब मुझे से माँ ने कहा की बाहर मत निकलना , वो बचपन की पहली बारिश याद है मुझे जब मुझे से माँ ने कहा की बाहर मत निकलना ,
हवाएं जब मेरे चेहरे पर पड़ती हैं मिटटी की सौंधी खुसबू जब मेरे साँसों में उतरती है इसकी रीम... हवाएं जब मेरे चेहरे पर पड़ती हैं मिटटी की सौंधी खुसबू जब मेरे साँसों में ...
जी फाड़ कर नादानों सा, हँसना चाहती है भीड़ से कहीं दूर ये जिंदगी, बचपन चाहती है जी फाड़ कर नादानों सा, हँसना चाहती है भीड़ से कहीं दूर ये जिंदगी, बचपन चाहती...